उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय (यूओयू) की स्थापना उत्तराखंड विधान सभा के एक अधिनियम (2005 के अधिनियम संख्या 23) द्वारा 31.10.2005 को की गई थी, जिसका उद्देश्य दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से ज्ञान और कौशल का प्रसार करना, शिक्षा के लचीले और नवीन तरीकों का उपयोग करके 'स्वतंत्र शिक्षण' सुनिश्चित करना था ।

दूरस्थ शिक्षा को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए विश्वविद्यालय नवीन शैक्षिक कार्यक्रमों, संचार प्रौद्योगिकी के विभिन्न माध्यमों और संपर्क सत्रों का उपयोग करता है। विश्वविद्यालय का प्रमुख उद्देश्य लक्षित समूहों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करना और राज्य के त्वरित उत्थान एवं विकास हेतु कुशल एवं ज्ञान-आधारित मानव संसाधन तैयार करना है। विश्वविद्यालय का उद्देश्य उच्च शैक्षणिक मानकों को बनाए रखते हुए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। इस उद्देश्य से, इसने व्यावसायिक एवं तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से हो रहे बदलावों को ध्यान में रखते हुए स्वयं को मौलिक रूप से पुनर्गठित किया है और कई नए एवं नवीन स्व-रोजगार/रोजगारोन्मुखी अध्ययन पाठ्यक्रम विकसित किए हैं।

उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय विशेष रूप से महिलाओं, आदिवासियों और अन्य हाशिए के वर्गों की शैक्षिक आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इसने अपनी पहुँच सबसे दूरस्थ और दुर्गम स्थानों तक बढ़ा दी है और राज्य के सबसे दूरस्थ कोनों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। इसने लोगों के लाभ के लिए संसाधनों और ज्ञान को साझा करने के एकमात्र उद्देश्य से विभिन्न प्रदाताओं के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। विश्वविद्यालय का दृष्टिकोण उत्तराखंड राज्य को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा के माध्यम से विकास के सबसे महत्वपूर्ण घटक प्रदान करना है। यूओयू देहरादून, रुड़की, पौड़ी, उत्तरकाशी, रानीखेत, कर्णप्रयाग, हल्द्वानी और पिथौरागढ़ में आठ क्षेत्रीय केंद्रों के अंतर्गत राज्य के विभिन्न स्थानों पर स्थापित 130 से अधिक अध्ययन केंद्रों के माध्यम से अपने कार्यक्रम प्रदान करता है। विश्वविद्यालय ने अपने छात्रों के लाभ के लिए कई प्रमुख शोध संस्थानों, कंपनियों और पेशेवर निकायों के साथ समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए हैं।

उत्‍तराखण्‍ड मुक्‍त विश्‍वविद्यालय पुरा छात्र समिति मई 2017 से अस्तित्‍व में है । उत्‍तराखण्‍ड मुक्‍त विश्‍वविद्यालय पुरा छात्र समिति का विधिवत गठन 14 जून 2018 को हुआ । इस समिति का गठन उत्‍तराखण्‍ड मुक्‍त विश्‍वविद्यालय के छात्रों के सामाजिक सम्मिलन एवं भविष्‍य-हित को दृष्टि में रखते हुआ किया गया ।

वर्तमान सामाजिक - संरचना प्रत्‍येक व्‍यक्ति को अन्‍य व्‍यक्ति से समुचित मेल –मिलाप, सूचनाओं एवं अवसर के आदान-प्रदान पर समाधारित है । इसी आधार पर उत्‍तराखण्‍ड मुक्‍त विश्‍वविद्यालय पुरा छात्र –समिति के गठन का उद्देश्‍य यह है कि उक्‍त समिति के माध्‍यम से विभिन्‍न स्‍तरों के छात्रों के पारस्‍परिक सम्मिलन एवं साथ ही विश्‍वविद्यालय और पुरा छात्रों के मध्‍य निरंतर स्‍थापित संवाद को भी निरंतर बनाए रखा जा सके ।

उत्‍तराखण्‍ड मुक्‍त विश्‍वविद्यालय अपने सभी छात्रों से उत्‍तराखण्‍ड मुक्‍त विश्‍वविद्यालय पुरा छात्र समिति से निरंतर जुड़े रहने का विनम्र अनुरोध करता है ।